Monday, 21 December 2015
जुबान पर चढ़ जाते हैं बाजीराव मस्तानी के ये 5 डायलॉग
Sunday, 20 December 2015
monkey dies in temple
मंदिर में शिवलिंग पर माथा टेक कर बंदर ने त्यागे प्राण -
जयपुर। धर्म के प्रति आस्था रखने वालों के लिए खबर राजस्थान के सुभाष नगर में दिनभर चर्चा का विषय रही। दरअसल सुभाष नगर के एक शिव मंदिर में एक बंदर ने शिवलिंग पर माथ टेक कर अपने प्राण त्याग दिए। जिसने भी यह खबर सुनी वो मंदिर की और दौड़ पड़ा।
इसके बाद भक्तों ने उस बंदर का पूरे विधि-विधान से शव यात्रा निकालकर अंतिम संस्कार किया। खबरों के अनुसार घटना शुक्रवार की है जब सुभाष नगर में बने मां लालता देवी के मंदिर में एक बंदर घूमता-फिरता पहुंचा। बंदर घायल था और मंदिर में आने के बाद शिवलिंग के चारों तरफ चक्कर काटने लगा।
कुछ देर बाद बंदर ने शिवलिंग पर अपर सिर टिकाया और उसी स्थिति में अपने प्राण त्याग दिए। उस वक्त मंदिर में मौजूद हर शख्स इस पूरी घटना को आश्चर्यचकित होकर देखता रहा। कुछ ही देर में यह बात आग की तरह फैल गई और सैकड़ों की संख्या में लोग इस घटना को देखने मंदिर में पहुंचने लगे।
इसके बाद लोगों ने इसे दैवीय घटना मानते हुए पूरे विधि-विधान से बंदर का अंतिम संस्कार किया। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह बंदर कहां से घायल होकर आया था।
Saturday, 12 December 2015
health-benefits-basil-in-hindi for india
तुलसी में कई औषधीय गुण होते हैं। हृदय रोग हो या सर्दी जुकाम, भारत में सदियों से तुलसी का इस्तेमाल होता चला आ रहा है। और क्या-क्या हैं तुलसी की खूबियां, आइये डालते हैं एक नजर।
सर्दी जुकाम में लाभप्रद
सर्दी जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियों को चाय में उबालकर पीने से राहत मिलती है। तुलसी का अर्क तेज बुखार को कम करने में भी कारगर साबित होता है। करीब सभी कफ सीरप को बनाने में तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। तुलसी के कोमल पत्तों को चबाने से खांसी और नजले से राहत मिलती है।
गले की खराश
चाय की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है। इस पानी को आप गरारा करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों में बुखार, खांसी और उल्टी जैसी सामान्य समस्याओं में तुलसी बहुत फायदेमंद है।
श्वास की समस्या
श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।
गुर्दे की पथरी
तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है। यदि किसी के गुर्दे में पथरी हो गई हो तो उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का नियमित सेवन करना चाहिए। छह महीने में फर्क दिखेगा।
हृदय रोग
तुलसी खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है।
तनाव
तुलसी की पत्तियों में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं। हाल में हुए शोधों से पता चला है कि तुलसी तनाव से बचाती है। तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है।
संक्रमण और त्वचा रोग
अल्सर और मुंह के अन्य संक्रमण में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद साबित होती हैं। रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है। दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है। नैचुरोपैथों द्वारा ल्यूकोडर्मा का इलाज करने में तुलसी के पत्तों को सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया गया है।
सांसों की दुर्गध
तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर दांत साफ करने से सांसों की दुर्गध चली जाती है। पायरिया जैसी समस्या में भी यह खासा कारगर साबित होती है। सिर के दर्द में तुलसी एक बढि़या दवा के तौर पर काम करती है। तुलसी का काढ़ा पीने से सिर के दर्द में आराम मिलता है। आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत कारगर साबित होता है। रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए।
Subscribe to:
Posts (Atom)